Isaiah 12 (IRVH)
1 उस दिन 2 देखो “परमेश्वर मेरा उद्धार है, मैं भरोसा रखूँगा और न थरथराऊँगा; क्योंकि प्रभु यहोवा मेरा बल और मेरे भजन का विषय है, और वह मेरा उद्धारकर्ता हो गया है।” (भज. 118:14, निर्ग. 15:2) 3 तुम आनन्दपूर्वक उद्धार के सोतों से जल भरोगे। 4 और उस दिन तुम कहोगे, “यहोवा की स्तुति करो, उससे प्रार्थना करो; सब जातियों में उसके बड़े कामों का प्रचार करो, और कहो कि उसका नाम महान है। (भज. 105:1,2) 5 “यहोवा का भजन गाओ, क्योंकि उसने प्रतापमय काम किए हैं 6 हे सिय्योन में बसनेवाली तू जयजयकार कर और ऊँचे स्वर से गा, क्योंकि इस्राएल का पवित्र तुझ में महान है।”