Psalms 15 (BOHCV)
undefined दावीद का एक स्तोत्र. 1 याहवेह, कौन आपके तंबू में रह सकेगा?कौन आपके पवित्र पर्वत पर निवास कर सकेगा? 2 वही, जिसका आचरण निष्कलंक है,जो धार्मिकता का आचरण करता है,जो हृदय से सच बोलता है; 3 जिसकी जीभ से निंदा के शब्द नहीं निकलते,जो न तो अपने पड़ोसी की बुराई करता है,और न अपने किसी मित्र की, 4 जिसके लिए याहवेह की दृष्टि में निकम्मा पुरुष घृणित है,किंतु याहवेह का भय माननेवाले पुरुष सम्मान्य;जो हर मूल्य पर अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण करता है,चाहे उसकी हानि ही क्यों न हो; 5 जो ऋण देकर ब्याज नहीं लेता;और निर्दोष के विरुद्ध झूठी गवाही देने के उद्देश्य से घूस नहीं लेता. इस प्रकार के आचरण का पुरुष सदैव स्थिर रहेगावह कभी न डगमगाएगा.