Psalms 13 (IRVU)
1 ऐ ख़ुदावन्द, कब तक? क्या तू हमेशा मुझे भूला रहेगा?तू कब तक अपना चेहरा मुझ से छिपाए रख्खेगा? 2 कब तक मैं जी ही जी में मन्सूबा बाँधता रहूँ,और सारे दिन अपने दिल में ग़म किया करू?कब तक मेरा दुश्मन मुझ पर सर बुलन्द रहेगा? 3 ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझे जवाब दे।मेरी आँखे रोशन कर, ऐसा न हो कि मुझे मौत की नींद आ जाए 4 ऐसा न हो कि मेरा दुश्मन कहे,कि मैं इस पर ग़ालिब आ गया। ऐसा न हो कि जब मैं जुम्बिश खाऊँ तो मेरे मुखालिफ़ ख़ुश हों। 5 लेकिन मैंने तो तेरी रहमत पर भरोसा किया है;मेरा दिल तेरी नजात से खु़श होगा। 6 मैं ख़ुदावन्द का हम्द गाऊँगाक्यूँकि उसने मुझ पर एहसान किया है।