Psalms 13 (UGV)
1 दाऊद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए।ऐ रब, कब तक? क्या तू मुझे अबद तक भूला रहेगा? तू कब तक अपना चेहरा मुझसे छुपाए रखेगा? 2 मेरी जान कब तक परेशानियों में मुब्तला रहे, मेरा दिल कब तक रोज़ बरोज़ दुख उठाता रहे? मेरा दुश्मन कब तक मुझ पर ग़ालिब रहेगा? 3 ऐ रब मेरे ख़ुदा, मुझ पर नज़र डालकर मेरी सुन! मेरी आँखों को रौशन कर, वरना मैं मौत की नींद सो जाऊँगा। 4 तब मेरा दुश्मन कहेगा, “मैं उस पर ग़ालिब आ गया हूँ!” और मेरे मुख़ालिफ़ शादियाना बजाएंगे कि मैं हिल गया हूँ। 5 लेकिन मैं तेरी शफ़क़त पर भरोसा रखता हूँ, मेरा दिल तेरी नजात देखकर ख़ुशी मनाएगा। 6 मैं रब की तमजीद में गीत गाऊँगा, क्योंकि उसने मुझ पर एहसान किया है।